अनन्तश्री विभूषित जगद्गुरु श्री शंकराचार्य ज्योतिष्पीठाधीश्वर ज्योतिर्मठ, हिमालय ब्रह्मलीन श्री गुरुदेव स्वामी ब्रह्नाानन्द सरस्वती जी के आशीर्वाद से और उनकी प्रेरणा स्वरूप पूज्य महर्षि महेश योगी जी ने 50 वर्ष पूर्व विश्व व्यापी ‘‘आध्यात्मिक पुनरुत्थान आन्दोलन’’ की स्थापना की और सम्पूर्ण विश्व के कोने-कोने में स्वयं निरन्तर भ्रमण करके आध्यात्मिक और आधिदैविक क्रान्ति का शंखनाद किया । महर्षि जी द्वारा 50 वर्ष पूर्व रोपित संकल्प पौधा उनके ही द्वारा अनवरत पोषण से विशाल ज्ञान वृक्ष हुआ है और उसमें आया विश्व शान्ति और अजेयता का महा ज्ञानफल । अब हर व्यक्ति और राष्ट्र के लिए उपलब्ध है ।
समय की आवश्यकता है कि विश्व शांति के इस ज्ञानफल को विश्व के प्रत्येक नागरिक और राष्ट्र को हम उपलब्ध करायें । इस लक्ष्य की सफलता के लिए भारत में महर्षि विश्व शांति का यह आन्दोलन, शान्त-प्रशान्त मानवीय चेतना के शांतिभाव को आधार बनाकर सारे विश्व में फैला दें । हमारा संकल्प है कि भारतीय शाश्वत ज्ञान के ओजमय-तेजमय प्रकाश की विजय पताका तमसयुक्त अज्ञानता पर फहरायें । यह हमारा संकल्प है की दुःख, निर्धनता, रोग, रजोगुणी चेतना तथा नकारात्मक प्रवृत्तियों को सुख, संपन्नता, स्वस्थ सतोगुणी चेतना और सकारात्मक प्रवृत्तियों में कल्पित करें । भूतल पर स्वर्ग का वातावरण हो और अब त्वरित प्रभाव से समस्त मानव जाति इस कलिकाल में सतयुग का सा जीवन लाभ उठाये यह इस वर्ष की श्रीगुरुपूर्णिमा का हमारा संकल्प है ।
महर्षि विश्व शान्ति आन्दोलन, भारतीय समाज के सभी वर्गों का आह्वान करता है कि इस विश्व व्यापी आन्दोलन में अपना सक्रिय सहयोग एवं सक्रिय भागीदारी देकर, इसे सफल बनायें ।